आपने अक्सर कहीं ना कहीं ये सुना होगा कि हम अपने दिमाग का 100% यूज नहीं करते हैं. इंसानों के दुवरा सिर्फ 5-10% केपैसिटी ब्रेइन की यूज करी जाती हैं. 2014 में एक लूसी करके साइंस फिक्षिन फिल्म आयी थी, उसमें भी इस कॉंसेब्पट को दिखा रखा था. कैसे नॉर्मल इंसानों के कमपैरिजन में एक लड़की ने यहाँ पर सीख लिया है अपने दिमाग की 100% केपैसिटी यूज करना. जीरे दीरे उसमें सूपर पावर्स आ जाती हैं. एकिन बात पता है क्या है दोस्तों, ये चीज सच नहीं है.
ये एक बहुत बड़ी मिथ है कि हम अपने दिमाग का सिर्फ 10% ही इस्तिमाल करते हैं. रीसेचर्च को आक्शुल परसंटेज तो नहीं पता, लेकिन उनका मानना है कि जियादधर ब्रें की केपैसिटी हम अक्शुली में यूज करते हैं. एक समय पर पूरा 100% ब्रें इस्तिमाल नहीं होगा, लेकिन फ्रुआउट तो कोर्स अफर डे आपके ब्रें के अलग-अलग हिस्से काम करेंगे. और मोर और लेस, आप एक दिन में पूरा अपना दिमाग इस्तिमाल ज़रूर करते हुँ. इसके प्रूफ के तोर पे खुदी सोच कर देखिए जब किसी को माइनर ब्रें डैमेज हो जाता है, उस पर कितना हानी कारक इम्पैक्ट पड़ता है.
अगर हम सिरफ 10% अपना ब्रें इस्तिमाल कर रहे होते हो, तो छोटे-मुटे ब्रें डैमेजिस से हमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए था.