चौराहों पर जिंदगी के मायने गोल-गोल घूमते रहते हैं कोई पकड़ लेता है तो कोई खाली हाथ लौट जाता है।
सब कुछ एक दिन ठीक हो जाएगा—इस उम्मीद पर एक नहीं, न जाने कितनी दुनिया चल रही होंगी।
एकदम हमारे अंदर वह कौन है जो बोल देता है कि रुको मत आगे बढ़ो कुछ नहीं होगा।
Share This Book 📚
Ready to highlight and find good content?
Glasp is a social web highlighter that people can highlight and organize quotes and thoughts from the web, and access other like-minded people’s learning.